लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कुछ जरूरी सेवाओं में कल (20 अप्रैल) से शर्तों के साथ मिलेगी छूट।
लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कुछ जरूरी सेवाओं में कल (20 अप्रैल) से शर्तों के साथ मिलेगी छूट।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 28 दिन में पुडुचेरी के माही और कर्नाटक के कोडगु में एक भी केस नहीं मिला। अब इस सूची में बरेली, गया, कचार समेत 10 नए जिले जुड़ गए हैं। हमारी कोशिश है कि इन जिलों में कोई नया केस नहीं आए। संक्रमण को हराने के लिए लॉकडाउन का पालन करना बहुत जरूरी है। हम सभी यह प्रयास करें कि रेड जोन में अगले 28 दिन तक कोई केस नहीं आए और ऑरेंज जोन को अगले 14 दिन में ग्रीन जोन में बदल सकें।
20 अप्रैल से कुछ स्थानों पर छूट मिलेगी
अग्रवाल ने कहा- ''आज रात 12 बजे से कुछ जगहों पर नॉन कंटेनमेंट इलाकों में छूट मिलेगी। गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार छूट दे सकती हैं। वहां पर भी सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा। 3 मई तक यातायात, एजुकेशन, इंडस्ट्रीयल, हॉस्पिटैलिटी, सिनेमा हॉल, पार्क, सोशल, पॉलिटिल, स्पोर्ट्स इवेंट, धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा।''
''जहां अधिक संख्या में केस मिले हैं या जहां डबलिंग रेट 4 दिन से कम हैं, उन्हें रेड जोन या हॉटस्पॉट घोषित किया जा रहा है। इन इलाकों में जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। हमारे स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर सैंपल जुटाने और सर्वे के काम में लगे हैं।
लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कुछ जरूरी सेवाओं में कल यानी 20 अप्रैल से शर्तों के साथ छूट मिल जाएगी। सरकार की गाइडलाइन में बताया गया है कि हम और आप क्या कर सकते हैं, और क्या नहीं। यानी किन बातों या सेवाओं पर छूट होगी और किन पर रोक।
-किराना और राशन की दुकानें।
-फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें।
-डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें।
-इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस।
जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी होगी कि वो सभी जरूरी सेवाओं की होम डिलिवरी का इंतजाम करे। ऐसा होने पर ज्यादा लोग बाहर नहीं निकलेंगे। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा।
ये सेवाएं भी 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी
आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर। इनमें 50फीसद से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा।
केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर।
ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस।
ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे। राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
गांवों और खेती-किसानी से जुड़ी ये सेवाएं और उद्योग शुरू हो सकेंगे
-नगरीय निकाय की सीमा से बाहर गांवों में उद्योग शुरू किए जा सकेंगे।
-गांवों में ईंट भट्टों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा।
-ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे।
-कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी।
-फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे। इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी।
-हैचरी और कमर्शियल एक्वेरियम भी खुल सकेंगे। मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे।
-चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50 फीसद मजदूर ही रहेंगे।
-दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा।
-पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी।
-पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा। पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी।